आज बहुत दिनों बाद लिखने का मन आया है, पर फिर से तेरा ख्याल आया है कागज फाड़ दिया, कलाम रख दिया, पर फिर भी जैसे तेरा नशा-सा छाया है आज बहुत दिनों बाद लिखने का मन आया है. इतनी धुप में सुट्टा पीने जाना पड़ा, पुरानी यादों में फशकर एक घंटे तक धुप में रहा खड़ा. दारु भी नहीं पी सकता कम्भाकत...